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हजारों कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! सरकार जल्द करेगी परमानेंट! जानें कब शुरू होगी प्रक्रिया! होगा फायदा!

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हजारों कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! सरकार जल्द करेगी परमानेंट! जानें कब शुरू होगी प्रक्रिया! होगा फायदा!

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Contract Employees 2023: पंजाब के हजारों संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। हाल ही में सीएम भगवंत मान ने संविदा कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए स्थायी करने की घोषणा कर दी है। इसका लाभ 6,000 से ज्यादा कर्मचारियों को मिलेगा।

इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कर्मचारियों को किस प्रकार से किस नियम के तहत स्थायी किया जाएगा। संभावना है कि एक हफ्ते के अंदर स्पष्ट किया जा सकता है।

हजारों कर्मचारी होने स्थाई

इधर, झारखंड में भी संविदाकर्मियों को परमानेंट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दरअसल, लंबे समय से पंजाब के रोडवेज, स्वास्थ्य विभाग समेत हजारों संविदा कर्मचारी नियमितिकरण की मांग कर रहे थे।

इसको लेकर 2022 में वे सब कई बार सरकार को पत्र भी लिख चुके थे। धरने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंप चुके थे। लेकिन कोई फैसला ना हो पाया था क्योंकि सीएम भगवंत मान इस मामले में कानूनी पेंच होने की बात करते रहे थे।

लेकिन नए साल 2023 में लोहड़ी के मौके पर कर्मचारियों की मांग को मानते हुए 6,000 से ज्यादा कर्मियों को स्थायी करने का ऐलान कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी

इस बारे में 13 जनवरी को CM भगवंत मान ने ट्वीट कर कहा था कि आज लोहड़ी के त्योहार के मौके पर एक और खुशखबरी आपके साथ सांझी कर रहा हूं, हमारी सरकार लगातार लोक हित में फैसले ले रही है।

और इसी कड़ी में 6000 से अधिक कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का रास्ता साफ हो गया है। बता दे कि पंजाब सरकार किस प्रकार व विधि से कर्मचारियों को स्थायी करेगी, इसकी जानकारी सार्वजनिक होना फिलहाल शेष है।

झारखंड में भी परमानेंट होंगे संविदाकर्मी

गौरतलब है कि झारखंड में भी हेमंत सोरेन सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अधीन काम कर रहे संविदाकर्मियों को परमानेंट करने का ऐलान कर दिया है। इस संबंध में विभाग के उपसचिव ध्रुव प्रसाद ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक को पत्र लिखकर संविदाकर्मियों का विस्तृत प्रतिवेदन 22 जनवरी तक मांगा है।

इसमें दो लेवल पर प्रतिवेदन मांगा गया है, पहले प्रतिवेदन में वैसे कर्मियों का प्रतिवेदन मांगा गया है, जो केंद्र या राज्य प्रायोजित योजना को छोड़ अन्य प्रकार के संविदाकर्मी हैं। दूसरी श्रेणी में वैसे अनुबंध कर्मियों का प्रतिवेदन मांगा गया है, जो केंद्र या राज्य प्रायोजित योजना के तहत अनुबंध पर कार्यरत है।

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