Bihar Politics 2025: बिहार की नीतीश सरकार ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति (बीस सूत्री) का गठन किया है।
इस कदम के साथ, एनडीए के जिला और प्रखंड स्तर के 912 नेताओं को सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। अब ये नेता सरकार का हिस्सा बनकर काम करेंगे।
जदयू और भाजपा नेताओं को बराबर का हक
एनडीए सरकार के गठन के सात महीने बाद, इस समिति का गठन हुआ है, जिससे साफ हो गया है कि सरकार अपने मेहनती कार्यकर्ताओं की भी परवाह करती है।
इस बीस सूत्री समिति में जदयू और भाजपा के नेताओं को बराबर-बराबर जगह दी गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी दोनों दल बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं।
प्रत्येक जिले से 25 सदस्य
हर जिले की कमेटी में 25 सदस्य हैं, जिससे कुल मिलाकर 950 नेताओं को इसमें शामिल किया गया है। सभी 38 जिलों की बीस सूत्री समितियों के अध्यक्ष जिला प्रभारी मंत्री होंगे, जबकि उपाध्यक्ष और सदस्य के रूप में 912 एनडीए कार्यकर्ताओं को जगह दी गई है।
इनमें लोजपा (रामविलास) और हम (से) के एक-एक कार्यकर्ता को भी शामिल किया गया है। इन दोनों दलों के 76 कार्यकर्ताओं के अलावा, बाकी 836 कार्यकर्ता जदयू और भाजपा के हैं, जिन्हें बराबर-बराबर 418-418 सीटें मिली हैं।
मुहीम में महिलाएं भी शामिल
महिलाओं को भी इस समिति में खास जगह दी गई है। ऐसा माना जा रहा है कि यह कदम अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
इसके अलावा, सरकार के विभिन्न बोर्ड और आयोग के पद भी खाली हैं, जहां और भी एनडीए नेताओं को समायोजित किया जा सकता है। इन बोर्ड और आयोग में कई पद कैबिनेट या राज्य मंत्री के समकक्ष होते हैं, जहां वेतन भी अच्छा-खासा होता है। इन नियुक्तियों में सामाजिक संतुलन और वरिष्ठ नेताओं का ख्याल रखा जाएगा।
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