बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा चलाये जा रहे सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम को बिहार के प्रधानाध्यापक गंभीरता से नहीं लेने की खबर सामने आइ है। शिक्षा विभाग के लगातार कोशिशों के बावजूद 70% से ज्यादा विद्यालयों का सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम का डाटा पोर्टल उपलोड नहीं हो पाया है। जो खेद जनक है।
ऐसे में विभाग ने एक पत्र जारी कर प्रधान अध्यापकों को चेताया कि यदि उनके द्वारा सुरक्षित शनिवार का डाटा हर शिनवार के शाम तक पोर्टल पर उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो ऐसे विद्यालय प्रधान अध्यापकों का वेतन बंद कर दिया जायेगा।
लिस्ट में इन जिलों का नाम सबसे आगे
राज्य भर के 19 जिलों के 75 फ़ीसदी विद्यालयों का डाटा अप्राप्त है जिसमें पटना समेत मुजफ्फरपुर, सिवान, भागलपुर, रोहतास, कैमूर, जमुई, दरभंगा, सीतामढ़ी, नालंदा, गोपालगंज, गया, अरवल, अररिया, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, पश्चिम चंपारण, व पूर्वी चंपारण जिले शीर्ष पर है।
सूत्रों से मिली खबर के अनुसार विद्यालय प्रधान को यह डाटा अपलोड करने में थोड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जिस कारण कई विद्यालय प्रधान के पास डाटा उपलब्ध रहने के बाद भी वह अपलोड नहीं कर पा रहे हैं जिसका कारण है पोर्टल पर काम करने के सही प्रशिक्षण का न मिलाना।
दरअसल राजभर के ज्यादातर शिक्षक और प्रधान अध्यापक कंप्यूटर पर काम करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि राज्य भर के शिक्षकों को कंप्यूटर व इंटरनेट पर काम करने से संबंधित सही प्रशिक्षण दिए जाएं।
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