KK Pathak News: केके पाठक की अध्यक्षता में गठित कमिटी के फैसले से नियोजित शिक्षकों में अक्रोश का माहौल देखने को मिल रहा है। दिन-ब-दिन परीक्षा के नियमों में कठिन बदलाव और शिक्षा विभाग के फैसले से शिक्षकों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
धरना प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर होगी कड़ी कारवाही
आपको बता दें कि सक्षमता परीक्षा के बहिस्कार को लेकर शिक्षक संघों ने 13 फरवरी को विधान सभा के घेराव का एलान किया है।
इसी बीच शिक्षा विभाग ने एक पत्र जारी कर शिक्षकों के आंदोलन को कमजोर करने का काम किया है। दरअसल विभाग ने पत्र में साफ लिखा है कि आंदोलन में भाग लेने वाले शिक्षकों को चिन्हित किया जाए और उनपर FIR दर्ज कराया जाए। यह आदेश सभी जिलों के जिला अधिकारी को दिया है।
आपको बताते चलें कि 3 बार में परीक्षा पास न करने पर सेवा मुक्त की बात से शिक्षकों में काफी नाराजगी थी दरअसल नियोजन और सेवा शर्त मार्गदर्शिका में शिक्षकों को 60 वर्ष की अवधि तक सेवा प्रदान की बात कह दी गई है लेकिन अब सक्षमता परीक्षा पास न करने पर सेवा मुक्त करने का पत्र जारी हुआ है।
इससे यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि सरकार का इरादा इस परीक्षा के आड़ में शिक्षकों को हटाना है।
मामूली परीक्षा के नाम पर बनाए गए सख्त नियम
शिक्षकों का कहना है कि उन्हे तो बिना किसी शर्त के राज्यकर्मी बनना था जबकि मुख्यमंत्री ने कहा था कि घबराने की बात नहीं है। बस एक मामूली सी परीक्षा के बाद शिक्षकों को राज्यकर्मी बना दिया जायेगा।
जबकि मामूली परीक्षा बता कर फॉर्म भरने की लम्बी प्रक्रिया के साथ परीक्षा सिलेबस को भी BPSC TRE-1 और TRE-2 के तर्ज़ पर कठिन बनाया गया है। इससे शिक्षकों में खासा नाराजगी है।
राज्यकर्मी के नाम पे किया जा रहा धोखा
शिक्षक संघों का कहना है कि राज्यकर्मी के नाम पर हमसे धोखा किया जा रहा है। जहां सालों से हम ऐच्छिक स्थांतरण का इंतजार कर रहे वहीं अब हमें अलग-अलग जिलों में भेजने की तैयारी कर दी गई है।
वहीं परीक्षा को मामूली बताया गया और अब ये बीपीएससी से भी कठिन लग रही है। परीक्षा ऑनलाइन होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जहां बीस वर्ष से ऊपर की सेवा देने वाले वरिष्ठ शिक्षकों को स्मार्ट फोन चलाने नही आता तो वो ऑनलाइन परीक्षा में कैसे हिस्सा लेंगे।
नियमावली 2006 के तहत 60 साल की सेवा!
शिक्षकों ने अपनी नाराज़गी दिखाते हुए कहा कि जब नियमावली 2006 के तहत नियोजित शिक्षकों को 60 साल के लिए सेवा दी गई है तो ये अधिकारी कौन होते हैं हमें सेवा से मुक्त करने वाले।
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