ICT LAB REPORT: बिहार के हजारों स्कूलों में कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं होने के चलते शिक्षकों पर मुसीबत आ गई है। निरिक्षण में इस बात का बड़ा खुलासा हुआ है। आपको बता दें की शिक्षा विभाग इन दिनों बिहार के शिक्षा सुधार में जुटे हुए है। यही वजह थी के बिहार के स्कूलों का निरिक्षण कराया गया है।
इस निरिक्षण से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिसमें राज्य के 1 हजार 240 स्कूलों में ICT LAB बंद पाया गया है। और ऐसे विद्यालयों में कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं हो रही है।
इसको लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को बिहार शिक्षा विभाग द्वारा पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी गई है। सूबे के सभी डीईओ को ऐसे स्कूलों पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया गया है।
आधे से ज्यादा स्कूलों में नहीं होती है पढ़ाई!
शिक्षा विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में सूबे के 2,454 मध्य और माध्यमिक विद्यालयों में आईसीटी लैब ICT LAB स्थापित की गई है। जिसका मकसद केवल स्कूली छात्रों को कंप्यूटर का ज्ञान देना है।
आपको बता दें कि इस लैब का संचालन विद्यालय के प्राचार्य की देखरेख में होना चाहिए। बावजूद इसके इसमें लगभग 50 फीसदी विद्यालयों में आईसीटी लैब (ICT LAB) सही ढंग से संचालित नहीं है। इससे छात्रों को नियमित कंप्यूटर शिक्षा नहीं मिल पा रही है।
प्राचार्य होंगे जिम्मेवार
आपको बता दें की आईसीटी लैब का संचालन एक्स्ट्रामार्क एजुकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बेन्नेट कोलम एंड कंपनी लिमिटेड और एमएस आर्मी इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड कर रही है। इन कंपनियों से पांच साल तक का MOU है।
विद्यालयों में आईसीटी लैब के सही ढंग से संचालन नहीं होने की स्थिति में संबंधित एजेंसी के विरुद्ध जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है। वहीं अगर इसका संचालन नहीं किया जा रहा है तो इसके लिए प्राचार्य जिम्मेवार होंगे। ऐसे विद्यालयों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
यह है जुर्माना लगाने का प्रावधान
- डेक्सटॉप, सर्वर, केबल, मॉनिटर खराब होने पर – सौ रुपया प्रति दिन
- कीबोर्ड, माउस खराब होने पर – 50 रुपया प्रति दिन
- प्रिंटर, यूपीएस, स्टेब्लाइजर खराब होने पर – सौ रुपया प्रति दिन
- अन्य चीजों के खराब होने पर – सौ रुपया प्रति दिन
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