Niyojit teacher Strike: बिहार में शिक्षकों ने क पाठक और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। केके पाठक और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम से मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। शिक्षक सड़कों पर मसाल और जुलूस लेकर दिखे।
सरकार के खिलाफ नियोजित शिक्षकों द्वारा यह प्रदर्शन इसलिए था क्योंकि उन्हें सक्षमता परीक्षा नहीं देना है। वह चाहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पाठक दोनों मिलकर यह तय करें कि शिक्षकों को बिना परीक्षा के ही उन्हें नियोजित शिक्षकों का दर्जा मिले।
नीतीश ने बदला था निर्णय
आपको याद होगा पिछले कई दिनों से शिक्षकों द्वारा यह प्रदर्शन किया जा रहा है। शिक्षक शिक्षकों द्वारा पिछले सप्ताह यह कहा गया था कि अगर बिहार सरकार हमारी मांगों को नहीं मांगती है तो 13 फरवरी को हम लोग विधानसभा का घेराव करेंगे।
शिक्षकों की उग्रता देखकर नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में आसानी करने के लिए तीन की जगह पांच किया था। पाठक ने इस बात के लिए शिक्षकों को आगे भी करवाया था।
Niyojit teacher Strike: शिक्षक सम्मान को लेकर एक जुटता
बिहार शिक्षक सरकार के फैसले से खुश नहीं है वह चाहते हैं कि बिना किसी परीक्षा के उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा मिले। इस उम्र में शिक्षकों से परीक्षा लेने का मतलब है उनके सम्मान को ठेस पहुंचाना। शिक्षक संघ के तरफ से इस बात को जमकर नारेबाजी के साथ उठाया गया।
हालांकि यह प्रदर्शन अररिया जिला मैं शिक्षकों द्वारा जोर-जोर से उठाया गया। शिक्षकों ने कहा कि भले ही हमें जेल जाना क्यों ना पड़े हम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। और सरकार को बिना किसी शब्द के हमें राज्य कर्मी का दर्जा देना होगा।
13 को करेंगे विधान सभा का घेराव
बिहार के अररिया जिला में हुए इस प्रदर्शन के सा जिला भर के शिक्षक दिखे। शिक्षकों द्वारा यह बात रखी गई कि अगर इस प्रदर्शन से सरकार के समझ में कोई बात नहीं आएगी तो 13 फरवरी को संविधान सभा का घेराव करेंगे।
अगर तभी हमारी बातों को नहीं माना गया तो लगातार प्रदर्शन जारी रहेगा लेकिन हम किसी भी हाल में सक्षमता परीक्षा नहीं देंगे। बिहार के अलग-अलग राज्यों में बिहार सरकार के खिलाफ सक्षमता परीक्षा को लेकर प्रदर्शन जारी है।
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