Primary Teacher UP: उत्तर प्रदेश प्राथमिक विद्यालयों में 12,000 से ज्यादा सहायक अध्यापक का विवाद सालों बाद सुलझने वाला है। दरअसल शून्य जनपद विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 18 सितंबर से लगातार सुनवाई के बाद 3 अक्तूबर को आदेश सुरक्षित कर लिया गया।
इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि आदेश पारित होने के साथ ही लगभग 6,000 रोजगारों की नौकरी का रास्ता साफ हो जाएगा।
23 मार्च 2017 में लगाई रोक
15 दिसंबर 2016 को शुरू हुई 12,460 शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में उत्तर प्रदेश के 75 में से 24 जिलों में एक भी पद रिक्त नहीं था। इन 24 जिलों के अभ्यर्थियों को किसी भी एक अन्य जनपद में आवेदन करने की छूट थी।
16 मार्च 2017 को पहली काउंसिलिंग हुई लेकिन इस बीच सरकार बदलने के बाद नई सरकार ने समीक्षा के नाम पर 23 मार्च 2017 को भर्ती पर रोक लगा दी।
लगभग 6000 शिक्षकों की नहीं हुई नियुक्ति!
16 अप्रैल 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भर्ती शुरू करने की अनुमति दे दी गई। 23 अप्रैल 2018 को फिर से सभी चयनित अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग कराई गई। लेकिन 18 अप्रैल 2018 को हाईकोर्ट ने 24 शून्य जनपद के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी।
1 मई 2018 को मुख्यमंत्री ने 51 जिले के लगभग 6,512 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे दिया। बावजूद इसके 5,948 चयनितों की नियुक्ति फंसी रह गई।
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