बिहार शिक्षा विभाग में इन दिनों सरकार शिक्षकों पर काफी मेहरबान है। वजह लोकसभा 2024 का इलेक्शन बताया जा रहा है। दरअसल बीते दिनों 11 अक्टूबर 2023 सरकार ने शिक्षकों को बड़ा तोहफा दिया है।
आपको बता दें कि सालों से शिक्षकों द्वारा राज्यकर्मी के दर्जे की मांग की जा रही थी। इसके लिए शिक्षकों ने जगह-जगह बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किए। जिसके बाद शिक्षकों को सरकार ने बीपीएससी परीक्षा देने के बाद राज्य कर्मी का दर्जा देने की बात कही।
सरकार ने दिया था आश्वाशन
इस फैसले ने बिहार के लगभग सभी शिक्षक काफी नाराज दिखे। शिक्षक संघों ने इसका विरोध भी किया। आपको याद होगा पटना में हुए अगस्त 2023 का वह प्रदर्शन जहाँ हजारों की संख्यां में शिक्षक पटना पहुँच कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए।
शिक्षकों के उस प्रदर्शन के खिलाफ बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार का बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि कार्यरत शिक्षकों से इस उम्र में परीक्षा लेना सही नहीं है। मुख्यमंत्री के इस बयान से शिक्षकों के जान में जान आई। और शिक्षकों को इस बात का विश्वास होने लगा की अब शिक्षकों को बिना परीक्षा के राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा।
विशिष्ट शिक्षकों के दर्जे के बाद शिक्षक नाराज
सरकार ने शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा तो दिया साथ ही कंडीशन भी लागू कर दिया। जिससे एक बार फिर शिक्षकों में नाराजगी देखी जा रही है। सरकार ने यह साफ़ कर दिया है कि विशिष्ट शिक्षक का दर्जा मिलने के बाद एक साल के भीतर परीक्षा में उत्तीर्ण होना होगा।
हालांकि के यह परीक्षा के लिए शिक्षकों को 3 बार मौका मिलेगा। अगर तीनो एटेम्पट में शिक्षकों को कामयाबी नहीं मिलती है तो उन्हें सेवा मुक्त होना होगा। यही करना है जो बिहार के शिक्षकों में मायूसी का माहौल बना हुआ है।
शिक्षकों का फूटा गुस्सा
सरकार के इस फैसले से सोशल मीडिया पर शिक्षकों का गुसा फुट पड़ा है। प्रदेश अध्यक्ष नवल किशोर सिंह ने लिखा “नियोजित शिक्षकों पर परीक्षा थोपना इस बात की दलील है कि सरकार को चुनाव में नियोजित शिक्षकों का वोट नहीं चाहिए।
तो ठीक है नियोजित शिक्षक चुनाव में अपनी ताकत का एहसास गठबंधन की सरकार को दिखायेगी। नियोजित शिक्षक और नियोजित शिक्षक संगठन एक प्लेटफार्म पर आएं और अपनी ताकत का एहसास सरकार को करायें।
आज पुर्व के नियोजित शिक्षक ठगा सा महसूस कर रहे हैं
सभी शिक्षक संगठनों से आग्रह है कि इस चुनावी वर्ष में सरकार को अपनी ताकत का एहसास दिलाने हेतु जितनी जल्दी हो सके पटना में बैठक कर एक मजबूत रणनीति बनायें।”
आएगी नवल किशोर ने कहा “हमारी संख्या बिहार में काफी है और हमारे पास वोट भी 50 लाख से ज्यादा है जो किसी भी सरकार को अपनी ताकत का एहसास दिला सकता है। जरूरत है हमें एक प्लेटफार्म पर आने का।
आज पुर्व के नियोजित शिक्षक ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जब भी आंदोलन हुआ इस शिक्षकों ने साथ दिया है और आगे भी देगा बस सभी शिक्षक संगठन एक बैनर के तले आंदोलन करने को तैयार हो।”
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