पूर्णियां जिला के अमौर और शेखपुरा में अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से बेमियादी हड़ताल पर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका डटी हुई हैं। इतना ही नहीं बिहार राज्य के अलग-अलग प्रखंड में सेविका सहायक द्वारा हड़ताल जारी है।
आंगनबाड़ी सेविका द्वारा सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं। जिसमें कहा जा रहा है कि सरकार ने उनकी मांगों पर केवल आश्वाशन ही दिया है। उनकी मानगो को पूरा नहीं किया है। इसको लेकर लगभग 11 दिनों से आंगनबाड़ी कर्मियों का घरना प्रदर्शन जारी है।
राजनीतिक पार्टियों का मिला समर्थन
जहाँ शेखपुरा में बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघर्ष समिति के बैनर तले अरियरी बाल विकास परियोजना कार्यालय के सामने रोष पूर्ण प्रदर्शन किया। तो वहीँ पूर्णियां के अमौर में बीडीओ के ऑफिस के सामने भी प्रदर्शन जारी है।
हालाँकि इन सब के बीच कई राजनैतिक पार्टियों ने भी आंगनबाड़ी सेविका का समर्थन किया है। जिससे सेविका सहाईका को और भी हिम्मत मिली है सरकार के तरफ से अब तक इनके प्रदर्शन पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सरकार पर लगाया आरोप
शेखपुरा में आंदोलन का नेतृत्व ऐक्टू के जिला संयोजक कमलेश प्रसाद ने कहा कि, पूरे बिहार के आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इसकी वजह यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन द्वारा अपने घोषणा पत्र में सरकार बनने पर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय को दोगुना करने का वादा किया गया था।
साथ ही उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा लगभग अधिकांश चुनावी सभा में इस आशय का भरोसा दिया गया था। लेकिन आज तक इस वादे को पूरा नहीं किया।
सरकारी कर्मचारी का दर्जा की मांग
उन्होंने आगे कहा कि “हमारा संगठन हर स्तर से आंगनबाड़ी आंदोलन के साथ है। न्यूनतम वेतनमान, सामाजिक सुरक्षा आज आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं का प्रमुख सवाल बना हुआ है। सरकार को चाहिए कि पांच सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनरत महिलाओं से सम्मानजनक वार्ता करें”
संघ के अध्यक्ष संजू कुमारी और संघ के सचिव अनुपम रानी ने कहा कि हम तब तक प्रदर्शन करेंगे जब तक हम सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं हो जाता। हमारी मांग है कि सेविका 25 हजार रुपए और सहायिका को 18 हजार प्रति माह मिलनी चाहिए।
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