केशव कुमार पाठक (KK PATHAK) ने बिहार के शिक्षकों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। इस के चलते शिक्षकों में डर का माहौल बना हुआ है। आपको बता दें कि राज्य भर के प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कमजोर लर्निंग आउटकम यानी पढ़ाने में कमजोर शिक्षकों को चिह्नित किया जा रहा है। इस संबंध में विद्यालयी निरीक्षी पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग ने एक रिपोर्ट तैयार किया है जिसमें लगभग 80,000 शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के मामले में कमजोर माना है। यह रिपोर्ट प्रशिक्षण के दौरान यानी जिला शिक्षा संसथान में चल रहे ट्रेनिंग के फीडबैक के आधार पर तैयार किया गया है।
20 फीसदी प्रशिक्षु पढ़ाने में पूरी तरह सक्षम नहीं हैं
दरअसल राज्य भर में FLN & ICT के अंतर्गत चल रहे छः दिवसीय आवासीय ट्रेनिंग में प्रशिक्षुओं द्वारा बनाए गए क्रियाकलाप बोलने और पढ़ाने की शैली सीखने की समझ इत्यादि को ध्यान में रखते हुए जिला शिक्षण संस्थानों ने यह फीडबैक शिक्षा विभाग को दिया है।
जिसमें यह देखा गया कि 20 फीसदी प्रशिक्षु पढ़ाने में पूरी तरह सक्षम नहीं हैं। जिन्हें खास प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इस फीड बैक को देखते ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने यह निर्देश जारी किया है।
KK PATHAK: इनको मिली जिम्मेदारी
कहा है कि, जल्द से जल्द इन 20 फीसदी शिक्षकों को एक खास प्रशिक्षण दिया जाए जिससे यह लोग शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहयोग कर सके और आने वाले समय में सभी तरह के विभागीय परीक्षाओं में सफल हो सके।
ट्रायल के तौर पर राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा इसका माडल भी विकसित किया जा रहा है। सभी विद्यालयों की निगरानी अब जिला स्तर से करने की तैयारी हो रही है। इसके लिए प्रत्येक विद्यालयी निरीक्षी पदाधिकारी को जिम्मेदार बनाया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें>>>