Bihar Shikshak: शिक्षा विभाग: नियोजित शिक्षकों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इधर शिक्षा विभाग आए दिन शिक्षकों के लिए नए–नए कड़े नियम बना रही है तो वहीं नियोजित शिक्षक भी उसके विरुद्ध में खड़े होने को तैयार है। अब देखना ये है कि इस संघर्ष में शिक्षकों को कितनी सफलता मिलती है।
आर पार की लड़ाई को लेकर बिहार शिक्षक एकता मंच ने की शुरुआत
केके पाठक की कमिटी के फैसले से नाराज नियोजित शिक्षकों ने आर पार की लड़ाई की शुरुआत कर दी है। बिहार शिक्षक एकता मंच ने पत्र जारी कर सभी नियोजित शिक्षकों से आंदोलन में हिस्सा लेने का आग्रह किया है।
जहां 5 फरवरी को बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा, आरा सदर प्रखंड ने शिक्षा विभाग के फैसले के खिलाफ स्मारक-रमना मैदान के पास प्रदर्शन में नियमावली आदेश की प्रतियां जला कर अपने आंदोलन की शुरुआत कर दी।
वहीं 06 फरवरी 2024 को सभी प्रखंड मुख्यालय में सक्षमता परीक्षा हेतु गठित समिति के निर्णय की प्रति जलाकर विरोध प्रकट करने का फैसला लिया है।
इसी क्रम में आगे 10 फरवरी 2024 को जिला मुख्यालय में मशाल जुलूस निकालकर विरोध प्रकट करने का निर्णय लिया है।
13 फरवरी को होगा से अनिश्चितकालीन विधानमंडल का घेराव
13 फरवरी नियोजित शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि शिक्षक संघ माँग पत्र के जरिए अपनी मांगों को सरकार के सामने रखकर बजटीय सत्र के दौरान अनिश्चितकालीन विधानमंडल का घेराव करेगी।
बिहार शिक्षक एकता मंच की महत्वपूर्ण मांगें
1. दक्षता एवं पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दी जाय।
2. नियोजित शिक्षकों के राजकर्मी हेतु सक्षमता परीक्षा के प्रावधानों को समाप्त किया
3. ऐच्छिक स्थांतरण का प्राकशन किया जाय।
4. अवकाश तालिका पूर्व की भांति लागू किया जाय।।
5. विद्यालय का समय सारणी 10 से 4 बजे तक किया जाय।
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