बिहार नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करा कर सरकार उन्हें विशिष्ट शिक्षक बनाने में लगी है। वहीं केके पाठक द्वारा गठित कमिटी ने आदेश दिया था कि अगर नियोजित शिक्षक पांचवी बार भी सक्षमता परीक्षा में विफल रहे तो उन्हें अपनी नौकरी गवानी होगी। लेकिन अब उच्च न्यायलय ने इस पर एक महत्वपूर्ण आदेश है।
उच्च न्यायालय ने दी राहत भरी खबर
इस आदेश के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय में सारण जिले के एक शिक्षक समरेंद्र बहादुर सिंह ने याचिका दायर किया था।
जहां से नियोजित शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर सामने आइ है। पटना उच्च न्यायालय ने CWJC 2922/2024 के काउंटर एफिडेविट में स्पष्ट करते हुए है कि अगर विशिष्ट शिक्षक बनना है तो सक्षमता परीक्षा पास करनी ही होगी , तभी उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा। “लेकिन अगर जो पांचवी बार भी फेल हो जाते हैं उनको नौकरी से नहीं निकाला जायेगा।“
आपको बताते चलें कि कोर्ट के इस फैसले में ये भी कहा गया है कि जो सक्षमता पास नहीं कर पाते हैं वो स्थानीय निकाय शिक्षक बने रहेंगे।
मगर हां सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण न होने वाले शिक्षक नियमावली 2023 के तहत नियुक्त शिक्षक उपलब्ध वेतन और अनुलाभों का लाभ उठाने से वंचित रहेंगे।
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