UTI में कर्मचारियों का जमा है 40 से 50 हजार रुपए
बिहार में नियोजित शिक्षक समेत कई और विभाग के कर्मचारियों का पैसा पेंशन वाले UTI पेंशन फण्ड में जमा हो रहा था लेकिन EPFO के आने के बाद ऐसे सभी कर्मचारियों का पैसे जमा होना बंद हो गया।
अगर जमा राशि का अनुमान लगाया जाए तो यह लगभग हर कर्मचारी का 40 से 50 हजार के आस पास होगा।
गौरतलब है कि यह जमा राशि रिटायरमेंट पेंशन फण्ड में जमा हो रहा था। इसलिए जब कर्मचारियों द्वारा यह राशि निकालने की कोशिश की जाती तो UTI अधिकारी द्वारा बताया जाता की आप यह पैसा नहीं निकाल सकते।
क्योंकि यह पैसा एक रिटायरमेंट फण्ड में जमा है यह पैसा आप तब निकाल सकेंगे जब आप जॉब से रिटायर होंगे।
सरकार ने लेटर जारी कर UTI को लगाई फटकार।
लेकिन हाल ही में सरकार ने एक लेटर जारी कर UTI को ऐसे पैसे विमुक्त करने को कहा गया है। जिसके लिए UTI द्वारा इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए ऐसे सभी कर्मचारियों को KYC करने को कहा गया है।
और UTI की तरफ से यह भी परामर्श दिया गया है की अगर कोई कर्मचारी समय पर KYC नहीं करता है तो ऐसी स्तिथि में मुझे उनका अकाउंट बंद करना पड़ेगा।
कैसे करें KYC और क्या-क्या लगेगा डॉक्यूमेंट।
- KYC फॉर्म
- सैलरी एकाउंट का पासबुक
- फोटो
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- UTI द्वारा उपलब्ध कराया गया एकाउंट नम्बर वाला पुस्तिका
- सेवा का प्रमाण पत्र
KYC फॉर्म
कितना मिलेगा पैसा।
माना जाता है की कर्मचारी इस फण्ड में लगभग 5 साल से पैसे जमा कर रहे हैं ऐसे कर्मचारियों को लगभग 50 से 60 रुपए मिलने की संभावना है।
कितना प्रतिशत मिला ब्याज।
UTI रिटायरमेंट पेंशन में लगभग 5.5% से 6% ब्याज मिलता है।