BPSC TRE-1 में बहाल हुए लगभग 1 लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद शिक्षा विभाग को आए दिन शिकायतें मिलने लगी। शिकायतों में फर्ज़ीवाड़े की शिकायत मुख्य थी।
जिसका पता लगाने के लिए विभाग द्वारा बायोमैट्रिक जांच की प्रक्रिया शुरू की गयी और देखते ही देखते फर्जी शिक्षकों का अम्बार लग गया।
सोचने वाली बात यह है कि शिक्षकों का BPSC एग्जाम से लेकर विद्यालय योगदान की प्रक्रिया हो गई यहां तक कि फर्जी शिक्षकों ने वेतन भी उठा लिया और अब बायोमैट्रिक से उनका राज फास किया जा रहा है।
दरभंगा में झोला भर रुपया लेके वेरिफिकेशन करवाने पहुंचा फर्जी शिक्षक:–
दरभंगा में बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के लिए आए एक फर्जी शिक्षक देवेन्द्र कुमार महतों की कहानी बहुत हैरान करने वाली है। वो वेरिफिकेशन के लिए अपने साथ उसी व्यक्ति को ले लाए जो उनके बदले परीक्षा में बैठा था।
उन्होंने उसे ही आगे कर अंगूठा भी लगवाया। लेकिन उसके बाकी डॉक्यूमेंट्स के साथ उसका आधार मैच नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि देवेंद्र कुमार महतो ने नवीन कुमार को अपने बदले परीक्षा देने के लिए 3 लाख रूपए दिए थे।
अंततः वो अधिकारियों की पकड़ में आ गया। दोनों के पास से 3 लाख 48 हजार रूपए भी बरामद हुए। आपको बता दें कि अबतक BPSC द्वारा बहाल शिक्षकों में 18 हजार से ज्यादा शिक्षकों का फर्ज़ी शिक्षकों के रूप में पहचान हुई है।
इसे भी पढ़ें:
बिहार में शिक्षकों के अवकाश को लेकर अधिसूचना जारी! छुट्टी लेने से पहले जान लें ये नियम!