Supreme Court Order: कर्मचारियों को 3 महीने के भीतर सातवें वेतनमान का लाभ मिलने जा रहा है। इसके अलावा एरियर का भी भुगतान बात चल रही है। इसके लिए कोर्ट के तरफ से नोटिफिकेशन भी जारी किये गए हैं। अगर ऐसा हुआ तो कर्मचारियों के खाते में एक बड़ी रक़म आएगी।
आदिम जाति कल्याण विभाग में मांग पत्र प्रस्तुत कर कर्मचारियों द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार 90 दिन के भीतर स्थाई कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ एरियर सहित देने की मांग की है।
वेतनमान सहित एरियर के भुगतान के आदेश जारी
सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग के समस्त स्थाई कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग स्थाई कर्मचारियों के समान ही दिसम्बर 2016 के आदेश जारी किए गए हैं। मध्यप्रदेश कर्मचारी द्वारा आदिम जाति कल्याण मंत्री से यह मांग की गई है।
कर्मचारी संघ का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश के परिपालन में जल्द ही स्थाई कर्मचारियों को छठे और सातवें वेतनमान का लाभ एरियर सहित भुगतान करने के आदेश जारी किए जाएं।
न्यायाधीश विवेक अग्रवाल का बड़ा फैसला
एमपी कर्मचारी मंच के नेतृत्व में आदिम जाति कल्याण विभाग के स्थाई कर्मचारियों द्वारा रिट पिटीशन दायर किया गया। जबलपुर हाईकोर्ट के द्वारा सातवें वेतनमान का लाभ देने के मामले में दायर की गई याचिका की सुनवाई की गई।
वहीं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विवेक अग्रवाल ने तीन माह के भीतर स्थाई कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ देने के आदेश दिए हैं।
Supreme Court Order: 2016 से बकाए एरियर भुगतान का दिया आदेश
हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दिसंबर 2016 के एरियर सहित सातवें वेतनमान का लाभ देने के आदेश को मान्य किया गया है। और सरकार द्वारा स्थाई कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार दिया गया।
जबकि अन्य 52 विभागों में स्थाई कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ आज भी नहीं मिल रहा है। वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद 90 दिन के भीतर उन्हें 2016 से बकाया एरियर सहित सातवें वेतनमान का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं।
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