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KK PATHAK NEWS: केके पाठक का रवैया कैसा होना चाहिए? क्या है उनके जीवन का सत्य? पढ़ें पूरी डिटेल्स!

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KK PATHAK NEWS: केके पाठक का रवैया कैसा होना चाहिए? क्या है उनके जीवन का सत्य? पढ़ें पूरी डिटेल्स!

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KK PATHAK NEWS

KK PATHAK NEWS: यह तो सभी को पता है कि आईएएस अधिकारी का पद बहुत ही सम्मानजनक होता है। यही वजह है की देश में लाखों की संख्यां में युवा आईएएस अधिकारी बनने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं। इसके लिए वे सभी यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करते हैं।

बीते कुछ महीनों से बिहार में तैनात एक आईएएस अफसर सुर्खियों में बने हुए हैं। क्योंकि उनका गाली देने का एक विडियो काफी वायरल हुआ था।

और अब बिहार शिक्षा विभाग में शिक्षकों, स्कूलों और अब कॉलेजों में उनका डंडा चल रहा है। हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर केशव कुमार पाठक के बारे में जो एक बहुत ही सख्त अधिकारी हैं और सख्त रवैये के लिए उन्हें जाना जाता है। 

पूरा नामकेशव कुमार पाठक
जन्म तिथि15 जनवरी 1968
जन्म स्थानउत्तर प्रदेश, भारत
शिक्षाबेचलर ऑफ़ इकोनॉमिक्स एमफिल
ऊंचाईलगभग 5 फुट 6 इंच
पिता का नामजीएस पाठक
महत्वपूर्ण भूमिकाएँबिहार में शराबबंदी, ठेकेदार पर रिवाल्वर तानना, ब्रांच मैनेजर पर एफ आई आर दर्ज करना, लालू प्रसाद यादव के लिए परेशानी बढ़ाना, शिक्षा के स्तर को सुधारने की कोशिस करना,
वीडियो वायरल होने का कारणगालियां देना,

केके पाठक का जन्म और शिक्षा

आईएएस अधिकारी केके पाठक का पूरा नाम केशव कुमार पाठक है। इनका जन्म 15 जनवरी सन 1968 को भारत के उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अपना आरंभिक शिक्षा भी उत्तर प्रदेश से ही प्राप्त किया। बचपन से ही पाठक को पढाई में अधिक रूचि थी। वे हमेशा अपनी कक्षा में टॉप किया करते थे। और शिक्षकों यानि अपने गुरु का मन मोह लेते थे।

Top Bihar IAS officer faces police case after 'abusive' video clip,

उन्होंने बेचलर ऑफ इकोनॉमिक्स एमफिल की डिग्री हासिल की। बचपन से ही पढ़ाई में रुचि होने के कारण उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी UPSC की तैयारी शुरू कर दिया। साल 1990 की शुरुआत में यूपीएससी में सफलता हासिल की और आईएएस अधिकारी बन गए।

केशव कुमार पाठक बहुत ही कड़क मिजाज के आईएएस अधिकारी रहे हैं यही कारण रहा कि बड़े बड़े माफिया भी उनसे डरते हैं। बड़े-बड़े मामलों को काफी आसान तरीके से समझाने के लिए के के पाठक को जाना जाता है और कई जगह तो इन्हें जुनूनी ऑफिसर भी कहा जाता है। 

केके पाठक 1996 से 2001 तक

साल 1996 में केशव कुमार पाठक पहली बार गिरिडीह के कलेक्टर और डीएम नियुक्त किये गए। इस पद पर रहते हुए उन्होंने गिरिडीह में कई प्रशासनिक सुधार किया। आईएएस केशव कुमार की अर्थव्यवस्था दुरुस्त करने के साथ लोक प्रशासन और समाजिक नीति विशलेषण में खासी रूचि रही है।

K K PATHAK GIRIDIH POSTED

लिहाजा उन्हें देश की अर्थव्यवस्था से जुडे मंत्रालय में कई अहम जिम्मेदारियां मिली। जिस कड़ी में केशव कुमार पाठक की प्रतिनियुक्ति केंद्र में हुई। 1997 से 2001 तक फाइनेंस और कंपनी अफेयर्स मामलों के मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी और डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर रहे।

कैसे कैसे मिला प्रोन्नति?

साल 2002 में केके पाठक को बिहार स्टेट क्रेडिट एंड इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन में मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया। इसके बाद केशव कुमार को बिहार स्टेट कॉपरेटिव बैंक का प्रबंध निदेशक बनाया गया। वे गोपालगंज के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बनाए गए।

KK PATHAKCO-OPRAVTIVE PRABANDHAK

गोपालगंज में काफी थोड़े समय के लिए डीएम रहे उसके बाद ऐड्स कंट्रोल सेल का प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी बनाया गया। कुछ समय बितने के बाद राज्य में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, शहरी और हासिंग डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में चेयरमैन, बिहार स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं। 

गृह मंत्रालय में भी रहे तैनात

केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय में पाठक संयुक्त सचिव के पद पर रहे। पाठक राजस्व पर्षद में अपर सदस्य के पद पर भी रहे इससे पहले वे मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग में प्रधान सचिव भी थे। बिहार में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में रहते हुए उन्होंने राज्य में शराबबंदी के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाया।

KK PATHAK SHARABBANDI

केशव कुमार पाठक केंद्र सरकार के रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय में मैनेजिंग डायरेक्टर, नेशनल हाईवेज एंड इंफ्रास्ट्रकचर डेवलपमेंट कोर्पोरेशन लिमिटेड के पद पर अपने कार्य को बखूबी अंजाम दिया और केंद्र सरकार की योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाया

KK PATHAK

शानदार गवर्नेंस, गंभीरता और व्यवहार कुशलता, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, जैसे मुख्य बिंदुओं पर किए गए फेम इंडिया मैगजीन-एशिया पोस्ट के वार्षिक सर्वे असरदार ब्यूरोक्रेट्स 2021 में केशव कुमार पाठक प्रमुख स्थान पर रहे।

केके पाठक के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

CM BIHAR APPOINTED KK PATHAK
  • साल 2015 में शराबबंदी को लागू करने में अहम भूमिका निभाई है।
  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शराबबंदी की कमान पाठक को सौंपी गई थी। 
  • केके पाठक एक बार अपने ठेकेदार पर रिवाल्वर तानने के कारण भी सुर्खियों में आए थे। 
  • एक बार उन्होंने सभी ब्रांच मैनेजर पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी दिया था। 
  • असली नाम तो केशव कुमार पाठक है लेकिन ब्यूरोक्रेसी के गलियारों में उन्हें केके पाठक के नाम से जाना जाता है। 
  • जब इन्हें साल 2015 में शराबबंदी के लिए बिहार में तैनात किया गया था तब इन्होंने लालू प्रसाद यादव के करीबी को बहुत अधिक परेशान किया था जिसकी वजह से पाठक का ट्रांसफर कर दिया गया था। 
  • साल 2018 में पटना हाई कोर्ट ने इन पर ₹1,70,000 का जुर्माना लगाया था क्योंकि उन्होंने नियमों के प्रतिकूल तानाशाही का रवैया अपनाया था। 
Court order against kk pathak
  •  अभी साल 2023 में इनका एक वीडियो काफी वायरल हुआ जिसमें यह गालियां देते हुए नजर आ रहे हैं जिसकी वजह से यह सुर्खियों में बने रहे।

निष्कर्ष

हमारे देश में आईएएस अधिकारी के पद को बहुत बड़ा माना जाता है और उसका बहुत अधिक सम्मान भी किया जाता है।इसलिए यदि कोई भी व्यक्ति आईएएस अधिकारी बनता है तो उसकी अपनी एक सीमाएं होती हैं। जिसके अंदर रहकर ही कार्य करना चाहिए।

Nitish kumar make action of kk pathak

दोस्तों आपको क्या लगता है! क्या के के पाठक का अपने से नीचे के अधिकारियों के साथ का यह रवैया कितना सही है? और क्या IAS अधिकारी का यह रवैया होनी चाहिए? अगर नहीं तो क्या कानून में ऐसा प्रावधान है जिससे ऐसे गलत वयवहार के लिए उन्हें सजा मिल सके? अगर आपको के पाठक के बारे में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो आप हमें कमेंट में बता सकते हैं। 

केके पाठक की पहली पोस्टिंग कहाँ हुई?

बिहार के कटिहार में पहली पोस्टिंग हुई

केके पाठक किन विवादों के चलते सबसे ज्यादा सुर्खियां में रहे?

गाली देने वाले वीडियो से सुर्ख़ियों में रहे

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